Andhavishwas Unmoolan : Vol. 1 : Vichar
Publisher : Rajkamal Prakashan/Sarthak; First Edition (1 January 2015)
Language : Hindi
Hardcover : 174 pages
ISBN-10 : 8126728876
ISBN-13 : 978-8126728879
Item Weight : 580 g
Dimensions : 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
अंधविश्वास उन्मूलन और डॉ. नरेन्द्र दाभोलकर एक-दूसरे के पर्यायवाची हैं | निरंतर 25 वर्षों की मेहनत का फल है यह | अंधविश्वास उन्मूलन का कार्य महाराष्ट्र में विचार, उच्चार, आचार, संघर्ष, सिद्धांत जैसे पंचसूत्र से होता आ रहा है | भारतवर्ष में ऐसा कार्य कम ही नजर आता है | अन्धविश्वास उन्मूलन: आचार पुस्तक में धर्म के नाम पर कर्मकांड और पाखंडों के खिलाफ आन्दोलन, जन-जाग्रति कार्यक्रम और भंडाफोड़ जैसे प्रयासों का ब्योरा है | पुस्तक में भूत से साक्षात्कार कराने का पर्दाफाश, ओझाओं की पोल खोलती घटनाएँ, मंदिर में जाग्रत देवता और गणेश देवता के दूध पीने के चमत्कार के विवरण पठनीय तो हैं ही, उनसे देखने, सोचने और समझने की पुख्ता जमीन भी उजागर होती है | निस्संदेह अपने विषयों के नवीन विश्लेषण से यह पुस्तक पाठकों में अहम् भूमिका निभाने जैसी है | अन्धविश्वास के तिमिर से विवेक और विज्ञान के तेज की और ले जानेवाली यह पुस्तक परंपरा का तिमिर-भेद तो है ही, विज्ञान का लक्ष्य भी है |
Andhavishwas Unmoolan : Vol. 2 : Aachar
Publisher : Rajkamal Prakashan/Sarthak; First Edition (1 January 2015)
Language : Unknown
Paperback : 152 pages
ISBN-10 : 8126727934
ISBN-13 : 978-8126727933
Item Weight : 358 g
Dimensions : 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
Andhavishwas Unmoolan : Vol. 3 : Siddhant
Publisher : Rajkamal Prakashan/Sarthak; First Edition (1 January 2015)
Language : Hindi
Paperback : 160 pages
ISBN-10 : 8126727942
ISBN-13 : 978-8126727940
Item Weight : 215 g
Dimensions : 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
Vivekwadi Dr. Narendra Dabholkar : Lekh Aur Sakshatkar
Publisher : Rajkamal Prakashan/ Sarthak (1 October 2019)
Language : Hindi
Paperback : 140 pages
ISBN-10 : 9388933656
ISBN-13 : 978-9388933650
Item Weight : 150 g
Dimensions : 20.3 x 25.4 x 4.7 cm
प्रस्तुत किताब डॉ. नरेंद्र द्वारा लिखित चार लेखों और एक दीर्घ साक्षात्कार का संकलन है. पहले लेख में ‘समाजवादी युवक दल’ की स्थापना और उसके कार्य का विवेचन है. ‘संघर्ष के मोर्चे पर’ लेख में बुवा-बाबा द्वारा चलाए गए गुरुडम जैसे अन्धविश्वासों तथा समिति द्वारा इसके विरोध में किये गए आन्दोलनों का विवेचन है. ऐसे अंधविश्वासों के खिलाफ़ आन्दोलन कर चुनौती प्रक्रिया पूरी करते समय समिति के कार्यकर्ता कौन-सी सावधानी बरतें, इसका मार्गदर्शन है. ‘कौल विवेक का’ लेख में वैज्ञानिक दृष्टिकोण और विवेकवाद के आधार पर जीवन की उन्नति संभव है तथा इन्हीं हथियारों से गुरुडम के खिलाफ़ संघर्ष कर समाज को अन्धविश्वास से मुक्त किया जा सकता है…



